कुरुक्षेत्र कुंभ-2018 का शुभारंभ

3 दिसंबर को अतीव सफलता के साथ कुरुक्षेत्र कुंभ का शुभारंभ हुआ। हरियाणा के महामहिम राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने इसका उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में द्वादश कुंभ पुनर्जागरण के प्रेरणा पुरुष करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज, गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, केन्द्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री अश्विनी चौबे,
कुरुक्षेत्र विवि के कुलगुरु डॉ कैलाश चंद्र शर्मा, हरियाणा संस्कृत विवि के कुलगुरु डॉ श्रेयांश द्विवेदी. हरियाणा के लडवा विधान सभा क्षेत्र के विधायक पवन सैनी, कुरुक्षेत्र के प्रतिष्ठित शिक्षाविद् रतन चंद सरदाना, समाजसेवी कौशल किशोर सहित कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी  मंच पर उपस्थित थे।



सभी महानुभावों ने समवेत स्वर में सुप्त आठ कुंभों के पुनर्जागरण के पावन अभियान की सराहना की। महामहिमा राज्यपाल ने सुप्त आठ कुंभों की खोज पर बल दिया। उन्होंने सांस्कृतिक पुनर्जागरण का उल्लेख करते हुआ भगवान बुद्ध की धरती से अपने जुड़ाव की बात भी बतायी।


स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने धर्म संस्कृति के कार्य में देश और प्रदेश के मुखिया की भूमिका की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समय की अपनी गति होती है। प्रकृति का अपना विधान है। पुनर्जागरण का यह काल है। सभी को इसमें सहयोग करना चाहिए।


गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने इस अभियान की सफलता की शुभकामना और सहयोग की बात कही। कार्यक्रम में थोड़े विलंब से पहुंचे केन्द्रीय मंत्री श्रीमान अश्विनी चौबे जी ने सभा की समाप्ति करते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने सांस्कृतिक पुनर्जागरण की इस बेला में सभी से आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भले ही आज इस महान अभियान के साथ थोड़े ही लोग जुडे दिख रहे हैं लेकिन एक दिन यह संकल्प विशाल रूप लेगा। द्वादश कुंभों के पुनर्जागरण का यह अभियान जन अभियान बनेगा।


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