सिमरिया में हजार साल बाद बाद फिर से महाकुंभ शुरू, नीतीश ने किया उद्घाटन

बिहार की धरती 17 अक्तूबर को एक बार फिर महाकुंभ के पुनर्जागरण की ऐतिहासिक घटना की गवाह बनी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिमरिया महाकुंभ पुनर्जागरण के प्रेरणा पुरुष करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज और देश भर के अखाड़ों और दूसरे तीर्थों से जुटे संत महात्माओं के आशीर्वाद के
साथ महाकुंभ का औपचारिक उद्घाटन किया. समारोह में सभी सभी संत-महात्माओं ने एक स्वर से सिमरिया में महाकुंभ को अपनी स्वीकृति और आशीर्वाद प्रदान किया. 



मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महाकुंभ का उद्घाटन करने के बाद कहा कि बिहार की धरती ऐतिहासिक रही है और सिमरिया हमेशा से पुण्य भूमि और मुक्ति की धरती मानी जाती है. उन्होंने कहा कि कुंभ लगना अच्छी बात है, इसमें लाखों लोग आएंगे तो बिहार का ही गौरव बढ़ेगा.


उन्होंने सिमरिया महाकुंभ की औपचारिक घोषणा की मांग पर कहा कि जब देशभर के संत-महात्मा, अखाड़ों के साधु एक स्वर से इसे अनुमोदित कर रहे हैं तो वो इससे अलग नहीं हैं. नीतीश कुमार ने इस सिमरिया महाकुंभ के उद्घाटन समारोह के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया.


उद्घाटन समारोह में कई अखाडों के महंत, पीठाधीश्वर और संत महात्माओं ने हिस्सा लिया. अनि निर्वाणी अखाड़ा अयोध्या के महंत धर्मदास जी महाराज, हरिद्वार के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी दिव्यानंद जी, हनुमान गढ़ी उज्जैनीपट्टी के महंत नंदराम दास जी महराज, पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद जी,  अखिल भारतीय अखाडा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी जी, निर्मोही अखाड़ा रामघाट अयोध्या के महंत रघुवीर दास जी, दिगंबर अनि अखाड़ा की श्रीमहंत मधुबन दास जी, कुंभ परिषद के प्रधानमंत्री श्रीमान माधव दास जी, प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विद्यालय की बिहार संचालिका बहन दीदी रानी, प्रयाग से माधवानंद जी महाराज, हरिद्वार से गंगानंद जी महाराज, नागा साधु, तदर्थ कुंभ समिति के अध्यक्ष मंडलेश्वर राम सुमिरन दास जी और सचिव श्रीमहंत राम शंकर दास जी सूजा मठ शामिल हैं.


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